फर्जी फर्म बनाकर पोंजी स्कीम में जिन 300 निवेशकों से 200 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई उनमें यस बैंक के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट भी शामिल हैं। उनसे शातिरों ने हर महीने छह फीसदी ब्याज का झांसा देकर 50 लाख ले लिए। दूसरी ओर उदयपुर के 13 डॉक्टरों के 6.57 करोड़ रुपए डूब गए। दो दिसंबर 2019 को पहली एफआईआर दर्ज होने के 9 दिन बाद ही ठग अरुण अग्रवाल ने कोर्ट में दिवालिया होने की अर्जी लगाई और कहा कि उसका परिवार भूखे मरने की हालत में है। वह निवेश नहीं लौटा सकता। ...लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इसी दौरान उसकी फर्म के खाते से लाखों रुपए का लेन-देन हो रहा था।
परिवार के सदस्यों के नाम पर किए थे निवेश
अग्रवाल फार्म निवासी ललित प्रकाश शर्मा यस बैंक के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट हैं। ठग अरुण अग्रवाल ने पोंजी स्कीम चलाने के लिए वैभव एंटरप्राइजेज बना रखी थी। अरुण और अमित ने उन्हें 6% मासिक ब्याज देने का झांसा दिया। उन्होंने पत्नी निधि मिश्रा से पांच लाख, भाभी ऋचा तिवाड़ी से 15 लाख, माता-पिता और खुद के नाम से 30 लाख रुपए निवेश कर दिए। इसकी एवज में ठगों ने 2018-19 में बांड जारी किए। अवधि पूरी होने पर फर्म के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि आरोपी फरार हो गए हैं। उन्होंने भी एफआईआर दर्ज कराई है।
नवंबर से फरार अरुण एटीएम के कैश विड्राल करता रहा
एफआईआर दर्ज होने के बाद अरुण ने 11 दिसंबर को जिला एवं सेशन न्यायाधीश की कोर्ट में दिवालिया होने की अर्जी पेश की। इसमें लिखा गया कि उसके आर्थिक हालत इतनी खराब है कि सुबह-शाम खाने के पैसे भी नहीं है। इससे उसके परिवार की भूखे मरने की स्थिति हो रखी है। वहीं दूसरी ओर वैभव एंटरप्राइजेज के एक बैंक खाते से लाखों रुपए का लेन-देन हुआ। 18 से 23 जनवरी के बीच इस खाते से 16.86 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ। इस खाते में अरुण का ईमेल और मोबाइल नंबर दर्ज है। इसी तरह एक दूसरी फर्म के खाते से 1.45 लाख रुपए का लेन-देन हुआ। नवंबर के अंत में आरोपियों के फरार होते ही पीड़ित चित्रकूट थाने पहुंचने लगे थे। पहली एफआईआर दो दिसंबर को दर्ज की। पुलिस को पता चल चुका था कि आरोपी वारदात को अंजाम दे चुके हैं। दूसरी ओर आरोपी अपने विभिन्न खातों में जमा रकम ठिकाने लगा रहे थे। कई बार रकम एटीएम से कैश विड्राल की गई।
भास्कर ने शुक्रवार के अंक में किया था ठगी का खुलासा
लग्जरी कार में मिलने जाता, उदयपुर के 3 डॉक्टरों के भी 6.57 करोड़ डूबे
आरोपी अमित गौतम मेडिकल रिप्रजेंटेटिव भी था। उसने काफी समय उदयपुर में काम किया था। ऐसे में ठगों ने अपनी फर्म का उदयपुर में भी दफ्तर खोला। उदयपुर के 13 चिकित्सकों से 6.57 करोड़ रुपए ठग लिए। आरोपी 80-90 लाख रुपए की कारों में डॉक्टरों से मिलने जाते थे। उन्हें खुद का ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय बताया। फर्म के 40-50 ट्रक रजिस्टर्ड बता निवेश के लिए प्रेरित किया। समय पर रकम नहीं लौटाई और चेक सौंप दिए। खाते में रकम नहीं थी। डॉक्टरों ने उदयपुर के भूपालपुरा थाने में केस दर्ज कराया है।
चेन सिस्टम बनाकर दूसरों से निवेश कराया, 0.5% ब्याज
आरोपी चेन सिस्टम से ज्यादा रकम जुटाते थे। पुराने निवेशकों से नए निवेशकों से मिलवाने के लिए कहा जाता। पुराने निवेशक की सिफारिश पर जब नया निवेश मिलता, तो पुराने निवेशक को आधा फीसदी ज्यादा ब्याज दिया जाता था। ऐसे में कई निवेशकों ने अपने परिचितों को विवेक एंटरप्राइजेज में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते थे। नया निवेश करने वाले को कुछ माह बाद ऐसा ही प्रस्ताव दिया जाता। ऐसे में इस पोंजी स्कीम में एक के बाद एक निवेशक जुड़ते गए।